इंद्रदेव के विषय में भारतीय पौराणिक साहित्य में व्यापक वर्णन मिलता है | वेदों में उनका वर्णन 'महेंद्र' के नाम से किया गया है | इंद्रदेव स्वर्गलोक के राजा हैं | अपनी संपूर्ण व्यवस्था को सुचारु करके हमेशा आनंद एवं ऐश्वर्यशाली जीवन जीते हैं | पूर्व दिशा में मेज पर इंद्रदेव को पश्चिम की और मुख करके लगाए | इंद्रदेव को विराजमान करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इनके साथ अन्य देवी-देवता न रखे हुए हो | इंद्रदेव को लगाने से नए-नए लोगों से संपर्क बढ़ता हैं अपने-अपने कार्यो मे दक्ष लोगो को भी आपके व्यापर में आपसे जोड़ते हैं - इंद्रदेव | इसके अलावा व्यवसाय अथवा निजी जीवन में अगर व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही हो, उसे सुचारु रूप से चलाकर सही मार्ग पर लाने कि शक्ति भी इंद्रदेव ही प्रदान करते हैं |